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कौन है वो (ep 13)







राज अपनी गाड़ी को स्टार्ट करके निकल पड़ा, हर आती जाती गाड़ी को, या आने जाने वाले लोगो को शक के नजर से देखते हुए आयशा के घर के तरफ निकल पड़ा, 
   राज को भी एक डर तो था, ये नही की राज को बिल्कुल डर नही लग रहा, राज के दिल मे भी डर बैठा हुआ था, क्योकि अब तक वीरू ने जो कहा वो उसने किया, डर के साथ एक हीम्मत थी, उत्सुकता भी थी यह जानने की,की मुझे मारने के लिए कैसा हथकंडा अपनाएगा।

आयशा डिनर की तैयारी कर रही थी,बहुत अच्छे अच्छे पकवान बनाने में ऐसे जुटी थी जैसे कोई बहुत खास मेहमान आने वाले है। आयशा खाना बनाने की शौकीन भी थी, साथ मे ना जाने क्या क्या शौक पाले थी। तभी उसकी दरवाजे की घंटी बजती है।

पुलिस थाने में वंदना स्पेशल टीम बना रही थी, वंदना को पूरा भरोसा था कि आज राज पर हमला होने वाला है, क्योकि वीरू ने खुद फोन करके बताया था की राज कल का सूरज नही देख पायेगा। और तुम कल से राज को नही देख पाओगे, और एड्रेस था आयशा का घर, वंदना को साफ साफ बता दिया गया था कि आयशा के घर पर राज का खून किया जाएगा।

वंदना ने आयशा को फोन किया,
आयशा दरवाजा खोल रही थी।
दरवाजे के बेल के साथ ही मोबाइल रिंग भी बजने लगी, आयशा ने कंफ्यूजन में आकर दरवाजा खोला और बिना राज की तरफ देखे मोबाइल की तरफ गयी।
  राज अंदर आया और आयशा भी फोन उठाकर बात करते हुए राज की तरफ आयी,

"आओ….राज….अंदर आओ….वहाँ क्यो खड़े हो" वंदना को आवाज सुनाई दी।

"राज वहाँ कब आया" वंदना ने सवाल किया।

"जस्ट आ ही रहे है, आप बोलिए मेम, कुछ काम था क्या।" आयशा ने पूछा

"राज वहाँ क्यो आया है?" वंदना ने सवाल किया।

"अब इसमें तकलीफ वाली क्या बात है, दोस्ती में आना जाना होता है,मैंने डिनर पर इनवाइट किया था,इसलिए आये" आयशा बोली।

"तुम जानती भी हो कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है राज के उपर" वंदना ने पूछा।

"लेकिन क्यो? और कैसा खतरा" आयशा ने पूछा।

" राज को फोन दो, जल्दी" वंदना ने कहा।

"जो बात करनी है मुझसे  करो" आयशा बोली।

वंदना ने फोन काट दिया और राज के फोन में फोन किया, राज के फोन में छोटी सी रिंग आयी, और कट गई।

"आपको वंदना का फोन आया था क्या, ये मुझे मिस्डकॉल क्यो कर रही है" राज बोला

राज ने कॉल बैक किया तो वंदना ने फोन नही उठाया, अब राज और आयशा दोनो बारी बारी से फोन करने लगे लेकिन वंदना फोन नही उठा रही थी।

"पता नही क्या हुआ इसको, कोई खतरा है बोल रही थी राज को" आयशा ने कहा।

"मुझे भी बोली, उसे आज वीरु का फोन आया, और बोला कि राज को आज मार डालेगा, वंदना बोल ही रही थी कि आज कही जाना मत, घर ही रहना, मैं फिर भी आ गया।" राज बोला।

"अच्छा हुआ आप आ गए, वंदना तो यही चाहती थी कि आप घर ही रहो और आपको वीरू मार जाए, मुझे पूरा भरोसा है वो वीरू से मिली है, तभी तो आपके मेरे घर आने पर घबरा गई, और मुझे पूछने लगी कि राज क्यो आया" आयशा बोली।

"लेकिन वो वीरू से मिली थी तो मुझे बताया क्यो की आज मुझे वीरू मारने वाला है" राज बोला।

"क्योकि वीरू जो भी करता है बताकर करता है, अब रमन को भी बताया था, क्या पता नबल और त्रिवेदी उनको भी बताया हो" आयशा बोली।

"अगर ऐसा है तो मेरे साथ आपकी भी जान खतरे में डाल दी मैंने" राज बोला।

"अब आपको कोई खतरा नही, क्योकि वीरू ने प्लान बनाया होगा कि आपको आपके घर पर मारेंगे, लेकिन आप मेरे घर पर हैं। " आयशा बोली।

"तभी तो बोल रहा कि पहले मुझे अकेले खतरा था,लेकिन अब मेरे साथ साथ आप भी खतरे में हो" राज बोला।

"ये भी तो सोचो पहले आप उसका सामना करने के लिए अकेले थे, अब हम दोनों साथ है,अगर आ भी गया तो मिलकर सबक सिखाएंगे, लेकीन दोस्ती की है और जरूर निभाएंगे" आयशा बोली।

"बात दोस्ती दुश्मनी की नही है आयशा, मैं जानता हूँ वीरू अपनी चाल बहुत मासूमियत से चलता है, हमे एहसास भी नही होगा और वो कुछ कांड कर देगा। लेकिन आपको फिक्र करने की कोई जरूरत नही है,मैं हूँ ना आपके साथ….मुझे टेंशन हो रही है वंदना की,अचानक फोन कट क्यो गया, और अब वो फोन क्यो नही उठा रही" राज बहुत ही भावुकता से बोला।

"उसकी टेंशन आप क्यो ले रहे, आप तो जानते ही ही कि वो शुरू से हम दोनों को एक साथ नही देखना चाहती, हम दोनो के बीच दीवार बनना चाहती है, ये उसकी ही चाल है, शायद वो जानती होगी कि मैंने आपको डिनर पर बुलाया है, तभी तो उसने आपको घर पर रहने को कहा, और जब आपको रोकने का कोई बहाना नही मिला तो उसने वीरू के नाम से आपको डराने की कोशिश की, और जब वो उस चाल में भी नाकामयाब रही तो गुस्सा हो गयी होगी,और फोन जानबूझकर नही उठा रही।" आयशा बोली।

"लेकिन हम दोनों के बीच दीवार बनकर क्या फायदा, हम तो बस पार्टनर थे, और अभी दोस्ती की शुरुआत भी ढंग से नही हुई, डिनर पर भी शर्त हारने की वजह से आया हूँ।" राज ने कहा।

"छोड़ो यार बेकार की बाते…. फालतू कुछ मत सोचो,  और हां एक बात आपको बताना भूल ही गयी, मुझे अभी अभी पता चला कि मेरा एक दोस्त भी आया हुआ है, वो भी आएगा डिनर पर, हम दो से तीन हो गए है।" आयशा बोली।

"आने वाला है कि आने वाली है" राज ने इंडायरेक्टली ये पूछा कि लड़का दोस्त या लड़की दोस्त।

"अरे आने वाला है, आप बैठो में किचन में बस छोटा सा काम निपटा के आयी….ओ सॉरी……आपको पानी भी नही पूछा….अभी लायी" आयशा ने कहा।

"कोई बात नही, अभी प्यास नही है, पानी की आवश्यकता नही है, आप अपना काम कर लीजिए, और वैसे भी अब तीन  लोगों के लिए डिनर बनाना है, मेरी कोई हेल्प चाहिए होगी तो बताना" राज  बैठते हुए बोला।

राज ने चारों तरफ नजर घुमाई, बहुत ही सुंदर घर था, और पास ही एक गिटार पढ़ा था, राज उठकर गिटार के पास गया।

"अरे वाह…. म्यूजिक का शौक तो है इनको….मैं ट्राय करता हूँ एक बार बजाकर" राज ने गिटार को उठाकर कंधे में टांकते हुए सोचा।

"नही नही….बिना पूछे कैसे इस्तेमाल कर लूँ, वैसे भी कौन सा मुझे बजाना आता है, " राज ने सोचा और गले से गिटार को बिना बजाए वापस रख दिया। और वापस आकर कुर्सी पर बैठ गया।

"बेचारी अकेले काम कर रही होगी किचन में,खुद तो बुलाएगी नही हेल्प के लिए,मुझे ही जाकर पूछना पड़ेगा" राज ने खुद से कहा और किचन की तरफ चला गया।

उधर वंदना किटनेप हो चुकी थी, उसे किसी गाड़ी के पीछे हाथ पैर बांधकर और मुँह में कपड़ा बांधकर  कुछ गुंडे उठाकर ले जा रहे थे। वंदना लगातार छूटने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी।
सरपट भाग रही गाड़ी वंदना की खुद की गाड़ी थी, उसे उसी की गाड़ी में किटनेप करके ले जाया जा रहा था,

    थोड़ी देर बाद आयशा ने खानां सब रेडी कर लिया और डाइनिंग टेबल सजाने लगी।

"आपका दोस्त नही आया अभी तक" राज ने पूछा।

"पता नही क्यो लेट हो गए……शायद रास्ते मे भीड़ होगी, जाम में फंस गए होंगे……" आयशा बोली।

"वैसे आपने कभी बताया नही आपका कोउ फ्रेंड भी  है" राज बोला।

"अभी आएगा तो मिला दूँगी…… और बता भी दूँगी कौन दोस्त है,कैसे दोस्त बना, और कब से दोस्त है, आप क्यो बेचेन हुए जा रहे हो" आयशा बोली

"ठीक है बाबा….ठीक है इंतजार कर लेता हूँ उसके आने का…." राज बोला।

"बार बार किसको फोन  करने का ट्राय कर रहे हो आप" आयशा ने राज से कहा,क्योकि वो कब से देख रही थी राज बार बार फोन कर रहा था किसी को।

"अरे पहले घंटी तो जा रही थी, अब फोन स्विचऑफ आ रहा है, पता नही क्यो" राज बोला।

"आप क्यो इतना सोच रहे हो उसके बारे में…. कही आपको उसमे इन्टरेस्ट तो नही आ गया" आयशा बोली।

"मुझे….मुझे क्यो इन्टरेस्ट आएगा… वैसे भी आप जानते हो मेरा इन्टरेस्ट सिर्फ एक लड़की पर आया है, और आज उसी के रिप्लाय के बदौलत हम दोनों एक साथ डिनर करेंगे।" राज बोला।

"अगर आज मेरी जगह वो सिंगर के साथ आप डिनर करते तो क्या होता" आयशा ने पूछा।

"मैं खुशी से मर ही जाता….मुझे अगले दिन के सूरज को देखने की तमन्ना ना रहती ना ही अपने सुबह के अलार्म को सुनने की लालसा….थोड़ी देर उसके पास बैठकर उसे सुन लेता उसके साथ समय बिताता तो" राज बोला।

"इतना प्यार……कोई उस लड़की से इतना प्यार कैसे कर सकता है जिसे कभी देखा ही नही" आयशा बोली।

"मुझे क्या पता….मैं तो बस फीलिंग बता रहा….और ये सच है अगर मैं और वो आज एक साथ डिनर करेंगे तो वीरू आकर मुझे मार भी दे तो कोई गम नही।" राज बोला।

"अच्छा….बड़ा खतरनाक प्यार है,उसके लिए खुशी खुशी जान भी दे दोगे, जिसके दिल मे तुम्हारे लिए कुछ है ही नही।" आयशा बोली

राज कुछ कहता कि दरवाजे की घंटी बजी….आयशा दरवाजा खोलने गयी।

दरवाजा खोला तो एक मासूम और भोली सी शक्ल लड़का अंदर आता है।

"हेय….आयशा……हाऊ आर यु" लड़का बोला।

"आई एम फाइन……यार……" कहते हुए आयशा ने उसे हल्का सा हग किया और दोनो अंदर की तरफ आये।


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5 Comments

Anjali korde

10-Aug-2023 11:25 AM

Nice

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kashish

07-Aug-2023 10:55 AM

Beautiful part

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RISHITA

06-Aug-2023 10:56 AM

Nice part

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